रोज खाएं दो या तीन लहसुन और हार्ट अटैक-ब्लड प्रेशर से रहें दूर

रोज खाएं दो या तीन लहसुन और हार्ट अटैक-ब्लड प्रेशर से रहें दूर

सेहतराग टीम

लहसुन को प्याज के परिवार का हिस्सा माना जाता है यानी इसे प्याज का ही एक रूप कह सकते हैं। लहसुन साल में एक ही बार उगाया जा सकता है। सभी कालों में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा विभिन्न समय में इसे खाध पदार्थ, औषधीय पौधे, कीटाणुनाशक, सौंदर्य प्रसाधन, बुराई का जादूई जहर उतारने वाले रूप में माना गया है।

पूरे विश्व में सदियों से अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण लहसुन का उच्च स्थान है। 4500 ईसा पूर्व में ख्जॉम खोफॉफ, अति पुरानी पिरामिडों में से एक के निर्माता, ने आज्ञा दी थी कि उनके सभी काम करने वाले लहसुन लें, ताकि उनका स्वास्थ्य और ताकत बनी रहे। हिप्पोक्रेटस, आधुनिक औषधि के जनक ने एथेंस को लहसुन खाना सिखाया था। उन्होंने इसका सेवन रोगों और आतों की अनियमितताओं में करने की सलाह दी थी।

लहसुन में पाए जाने वाले तत्व-

लहसुन के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि प्रति 100 ग्राम लहसुन में नमी 62, प्रोटीन 0.1, खनिज 1, रेशा 0.8, और कार्बोहाइड्रेट 29.8 प्रतिशत होता है। इसके खनिज और विटामिन पदार्थों में कैल्शियम 30, फॉस्फोरस 310, लौह 1.3, थायमिन 0.06, रिबोफ्लोविन 0.23, नायसिन 0.4 विटामिन 'सी' 13 मिली ग्राम रहता है। इसमें आयोडीन, सल्फर और क्लोरीन के तत्व भी रहते हैं। इसका क्लोरिक मूल्य 145 है।

औषधीय गुण:

देशी औषधियों में दमा, कोढ़, स्वास नलिका में रक्त के जमाव में, धमनी-काठिन्य, बुखार, कीड़े, लिवर और पित्ताशय की तकलीफों में लहसुन का उपयोग परंपरागत रूप से किया जाता है। आधुनिक समय के शोधकर्ताओं ने इस पौधे के घाव भरने के गुण के कई प्राचीन विचारों की पुष्टि की है। वास्तव में इन शोध से पहले से ज्ञात गुणों से कहीं अधिक गुण पाए गए।

अन्य औषधीय गुण:

ब्लड प्रेशर-

लहसुन को रक्तचाप कम करने की अति प्रभावी औषधियों में से एक माना जाता है। इससे दवाब और तनाव कम होता है, क्योंकि इसमें छोटी धमनियों के तनाव को कम करने की ताकत रहती है। यह नब्ज कम करता है और घुमेरी के लक्षण, सांस की कमी और पाचन मार्ग में गैस बनने से राहत पहुंचाने के साथ-साथ दिल की धड़कन को काबू में रखता है। रक्तचाप को ठीक रखने के लिए रोज औसतन दो से तीन कैप्सूल लेने चाहिए।

दिल का दौरा-

हाल के अध्ययनों से जर्मनी ने दावा किया है कि लहसुन दिल के दौरे को रोक सकता है। कोलोजन विश्वविधालय के प्रोफेसर डॉ. हम्स रयूटर का दावा है कि लहसुन रक्त धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को घटाता है, धमनियों को कठोर होने रोकता है, जो कि उच्च रक्तचाप और दिल के दौरे की और अग्रसर होता है। यदि दिल के दौरे के बाद मरीज लहसुन ले तो इससे पहले की क्षति तो पूरी नहीं होगी, परंतु दोबारा दिल के दौरे की संभावना कम हो जाएगी।

(यह आलेख प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किताब फलों और सब्जियों से चिकित्सा से लिया गया है। यह किताब डॉ. हरिकृष्ण बाखरु द्वारा लिखी गयी है)

 

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